निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

उनके गीत भाव-प्रवण थे-दुरूह नहीं।

लेखक का आशय यह है कि कवि एवं गीतकार शैलेंद्र के गीतों में भाव प्रवणता बहुत थी लेकिन वह कठिन नहीं थे। उनके गीतों में भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति होती थी। गहरी से गहरी भावनाओं को भी बड़ी सरलता से प्रस्तुत किया जाता था। उनके गीत भावनात्मक होते हुए भी सरल थे। सामान्य से सामान्य श्रोता और दर्शक भी उनके गीतों के भाव को बड़ी आसानी से समझ लेता था। उनके गीत भावनाओं से परिपूर्ण होते हुए भी आम आदमी से जुड़े हुए थे।


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